किल्ले पुरंदर। आनंदात न्हाले।
जन्मास आले। शंभूराजे॥१ II
संस्कार जननी। जिजाऊंची माया।
शिवबांची छाया। शंभूराजे॥२॥
बालपणातच। तलवारबाजी।
कुस्ती-तिरंदाजी। शस्रविद्या॥३॥
बळ नि ज्ञानाचा । बु्द्धिचा खजिना।
स्वराज्य दागिना। शंभूराजे॥४॥
शिवाजींचा छावा।निष्ठा मुलाधार।
महान झुंजार। शंभूराजे॥५॥
प्रजाहितदक्ष। उद्यमी संयमी।
शूर पराक्रमी। शंभूराजे॥६॥
युद्धात जिंकले। स्वराज्यरक्षक।
खंबीर शासक। शंभूराजे॥७॥
संभाजी राजांना। करितो नमन।
करांनी वंदन।कोटी कोटी॥८॥
- प्रा.अरुण बाबारावजी बुंदेले,
अमरावती(महाराष्ट्र).
भ्र.ध्व.:-८०८७७४८६०९.
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