येता आषाढ महिना | चार मास चातुर्मास|
एकादशी उपवास | व्रत सर्वश्रेष्ठ||
निघे वारी पंढरीला | रंगे पालखी सोहळा|
जमे भक्तांचा मेळा | पंढरपूरला||
फेर धरती रिंगण | दंग होती वारकरी|
दुमदुमली पंढरी | विठ्ठल नामात||
सुंदर रूप साजरे | गळ्यात तुळशी माळा|
पारणे फिटते डोळा | विठ्ठल सावळा||
टाळ चिपळ्यांचा नाद | हरी नामाचा गजर|
मनी सुखाचा आगर | श्रीहरी दर्शने||
मुखी घेता तुझे नाम | मिळे आत्मा समाधान|
होता चरणाशी लिन | धन्य होतो देह||
आता एकच मागणे | नको मनात स्वार्थता|
नांदो जगी मानवता | सर्वप्रेमभाव ||
– सौ. निशा खापरे
*नागपूर*